जिंदगी तेरा अजीब फंडा।

दोस्तों देखा है, सुना है, और जाना है।
 दुनिया का अजीब फंडा।
किसी को खाना नसीब नहीं, तो किसी को भूख नसीब नहीं।
किसी को बिस्तर नसीब नहीं, तो किसी को नींद नसीब नहीं।
जहां पानी की आवश्यकता है वहां पानी नहीं जहां पानी की आवश्यकता कम है वहां बाढ़ ही बाढ़ है
 ओ जिंदगी तेरा अजीब फंडा।।
किसी को पैसे नसीब नहीं, तो किसी को खुशी नसीब नहीं।
किसी को प्रेम नसीब नहीं, तो किसी को प्रेमिका नसीब नहीं
ओ जिंदगी तेरा अजीब फंडा।
कोई प्यासा मर रहा है, तो कोई डूब के मर रहा है।
कोई ऑक्सीजन के बिना मर रहा है, तो कोई तूफानों से लड़ रहा है।
ओ जिंदगी तेरा अजीब फंडा।
कोई ठंड से मर रहा है तो कोई गर्मी में तब रहा है
जीवन बोना सा लग रहा है धूप की कमी से तो कहीं जीवन समाप्त हो रहा है धूप की वजह से।
ओ जिंदगी तेरा अजीब फंडा।
कहीं ठंडा रेगिस्तान, तो कहीं गर्म रेगिस्तान।
कहीं रेगिस्तान ही रेगिस्तान तो कहीं दलदल ही दलदल।
ओ जिंदगी तेरा अजीब फंडा।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस